मशाल प्रतियोगिता: नावानगर हाई स्कूल का शानदार आयोजन

नावानगर हाई स्कूल में आयोजित मशाल प्रतियोगिता ने छात्रों के बीच खेलों के प्रति रुचि को नया मोड़ दिया है। बिहार खेल प्राधिकरण के सहयोग से हुए इस कार्यक्रम में छात्रों की भागीदारी ने सभी का दिल जीत लिया। प्रतियोगिता का उत्साह इतना था कि सभी ने बेहतरीन प्रदर्शन कर अपनी छाप छोड़ी। विजेताओं को मेडल और प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया गया, जिससे उनमें आत्मविश्वास और प्रेरणा का संचार हुआ। इस प्रतियोगिता आयोजन में शिक्षकों की मेहनत के साथ, शिक्षकीय मार्गदर्शन ने इसे यादगार बना दिया।

इस शानदार इवेंट ने नावानगर हाई स्कूल के छात्रों को खेलों में अपनी प्रतिभा दिखाने का सुनहरा अवसर प्रदान किया। मशाल प्रतियोगिता ने विद्यार्थियों के लिए एक मंच तैयार किया, जहाँ उन्होंने विभिन्न स्पर्धाओं में अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन किया। शिक्षकों की सक्रिय भागीदारी और बिहार खेल प्राधिकरण का सहयोग इस आयोजन को सफल बनाने में सहायक रहा। इस प्रकार के आयोजनों से छात्रों में प्रतियोगिता के प्रति जागरूकता बढ़ती है और एक स्वस्थ प्रतिस्पर्धा की भावना विकसित होती है। विशेष रूप से, इस तरह की गतिविधियाँ विद्यार्थियों को खेलों के प्रति उनकी रुचि को बढ़ाने और उन्हें उनकी संभावनाओं को पहचानने में मदद करती हैं।

 

प्रतियोगिता का महत्व

नावानगर हाई स्कूल में आयोजित मशाल प्रतियोगिता ने विद्यार्थियों के बीच खेलों के प्रति जागरूकता बढ़ाने और सामूहिक सहभागिता को बढ़ावा देने का महत्वपूर्ण कार्य किया। इस तरह की प्रतियोगिताएँ न केवल शारीरिक विकास में सहायक होती हैं, बल्कि यह मानसिक मजबूती और आत्मविश्वास को भी बढ़ाती हैं। छात्रों ने एक-दूसरे के साथ प्रतिस्पर्धा करते हुए टीम स्पिरिट का जोश दिखाया।

इस आयोजन ने विद्यालय में एक सकारात्मक वातावरण का निर्माण करने में सहायक भूमिका निभाई। छात्रों ने न केवल खेलों में भाग लेकर अपने टैलेंट को प्रदर्शित किया, बल्कि एकजुटता और सहयोग की भावना को भी प्रकट किया। इससे न केवल उनके आपसी संबंध मजबूत हुए, बल्कि स्कूल का परिवेश भी खुशहाल बना।

समारोह के दौरान शिक्षकों का योगदान

मशाल प्रतियोगिता के सफल आयोजन में शिक्षकों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण रही। शिक्षकों ने न केवल प्रतिभागियों को मार्गदर्शन दिया, बल्कि प्रतियोगिता के दौरान छात्रों की उत्साह और ऊर्जा को भी बढ़ाने के लिए अपने समय और प्रयास लगाए। सतीश कुमार पांडेय और सुधांशु चौधरी जैसे शिक्षकों ने प्रतिभागियों को प्रोत्साहित किया, जिससे उनका मनोबल बढ़ा।

प्रमुख भूमिका निभाने वाले शिक्षकों के अलावा, कंप्यूटर शिक्षक अंकुर कुमार श्रीवास्तव भी तकनीकी सहायता प्रदान कर रहे थे, जिससे आयोजन की सुविधा में वृद्धि हुई। इस प्रकार, शिक्षकों के समर्पण और मेहनत ने सुनिश्चित किया कि प्रतियोगिता यथासंभव सफल हो और सभी छात्रों को प्रेरित करे। उनके नेतृत्व में, विद्यार्थियों ने न केवल प्रतिस्पर्धा की, बल्कि एकजुट होकर उत्सव का आनंद भी लिया।

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