अवैध शराब की बिक्री जैसे संवेदनशील मुद्दे समाज में कई समस्याओं का कारण बनते हैं। हाल ही में, एक महिला अवैध शराब विक्रेता को उसके जुर्माने और सजा के लिए कोर्ट की कार्रवाई का सामना करना पड़ा। न्यायालय ने उसे पांच साल की कठोर सजा और 1 लाख रुपये का जुर्माना सुनाया है, जिसे भरा न जाने पर उसे अतिरिक्त 6 महीने जेल में बिताने को कहा गया है। इस घटना ने यह स्पष्ट किया है कि अवैध शराब के खिलाफ कानून कितनी गंभीरता से कार्रवाई करता है और ऐसे अपराधों की बरामदगी पुलिस के द्वारा लगातार जारी है। इस प्रकार की घटनाएँ समाज में नशे के बढ़ते प्रभाव और उससे संबंधित मामलों को उजागर करती हैं।
अवैध शराब व्यापार, जिसे बिना कानून के अनुमति के किया जाता है, अक्सर समाज में विकृतियों का कारण बनता है। ऐसे गैरकानूनी गतिविधियों में संलिप्त महिलाएं और पुरुष आसानी से कानून के शिकंजे में फंस सकते हैं। अक्सर, पुलिस ऐसे शराब विक्रेताओं के खिलाफ छापेमारी करती है, जिससे जुर्माना और सजा निर्धारित की जाती है। इस तरह के मामलों में कोर्ट की कार्रवाई अत्यंत महत्वपूर्ण होती है, क्योंकि यह पीड़ितों और समाज के लिए एक चेतावनी है। वास्तव में, इन मामलों की बरामदगी और सजा के माध्यम से हम एक स्वस्थ और सुरक्षित समाज की दिशा में कदम बढ़ा सकते हैं।
कोर्ट का बड़ा निर्णय
विशेष उत्पाद कोर्ट नंबर-2 के न्यायाधीश सोनेलाल रजक ने महिला शराब विक्रेता सुगंती देवी को अवैध शराब बेचने के आरोप में पांच साल की कठोर सजा सुनाई है। इसके साथ ही उन पर 1 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। अदालत ने यह निर्णय मामले में प्रस्तुत ठोस सबूतों और गवाहों के बयानों के आधार पर लिया।
यदि सुगंती देवी जुर्माना अदा नहीं करती हैं, तो उन्हें अतिरिक्त तौर पर 6 महीने की सजा भुगतनी पड़ेगी। यह सजा उनके ऊपर छापेमारी के समय मिले अवैध शराब के बोतलों के मामले को देखते हुए सुनाई गई है। इस निर्णय से यह स्पष्ट होता है कि अदालत अवैध शराब के मामलों को बेहद गंभीरता से ले रही है।
मामले का घटनाक्रम
22 जनवरी 2020 को नवानगर थाना क्षेत्र के चनवथ गांव में पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर एक छापेमारी की थी। छापेमारी के दौरान पुलिस ने आरोपी योगेंद्र सिंह उर्फ जोगी के घर पर बोरा लेकर चढ़ रही सुगंती देवी को गिरफ्तार किया था, जिसमें यूपी निर्मित अवैध शराब की 96 बोतलें बरामद हुईं।
घटनास्थल पर तलाशी में और भी बड़ी मात्रा में शराब बरामद की गई, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि सुगंती देवी अवैध शराब के कारोबार में संलिप्त थी। इस मामले की सुनवाई करीब साढ़े पांच साल चली, जिसमें अभियोजन पक्ष ने ठोस सबूत पेश किए, जिसके आधार पर कोर्ट ने सजा का आदेश दिया।